
कंधे में दर्द से परेशान व्यक्ति, शोल्डर पेन की समस्या दर्शाता हुआ
आज के समय में कंधे का दर्द केवल बुजुर्गों की समस्या नहीं रह गया है। युवा और मिडिल एज लोग भी लगातार shoulder pain से परेशान रहते हैं। लंबे समय तक लैपटॉप या मोबाइल का इस्तेमाल, गलत पोस्चर, तनाव और कम फिजिकल एक्टिविटी इसके मुख्य कारण बन चुके हैं। शुरुआत में हल्का दर्द नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन समय के साथ यह दर्द रोज़मर्रा के कामों को प्रभावित करने लगता है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि कंधे में दर्द क्यों होता है, इसके प्रमुख कारण क्या हैं और इसका सही इलाज क्या है।
कंधा शरीर का सबसे अधिक मूवमेंट वाला जोड़ है। यह हड्डियों, मांसपेशियों, लिगामेंट्स और टेंडन्स से मिलकर बना होता है। इसकी जटिल संरचना ही इसे चोट और दर्द के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती है। कंधे की हल्की सी गड़बड़ी भी दर्द और जकड़न का कारण बन सकती है।
लैपटॉप या मोबाइल पर झुककर बैठना कंधों और गर्दन की मांसपेशियों पर दबाव डालता है। इससे मसल्स टाइट हो जाती हैं और धीरे-धीरे दर्द शुरू हो जाता है। ऑफिस में काम करने वाले लोगों में यह सबसे आम कारण है।
फ्रोजन शोल्डर में कंधे की मूवमेंट सीमित हो जाती है और दर्द बढ़ता जाता है। यह समस्या अक्सर 40 की उम्र के बाद, डायबिटीज या लंबे समय तक कंधा न हिलाने की स्थिति में होती है।

कंधे के जोड़ की संरचना दिखाता हुआ 3D चित्र, शोल्डर जॉइंट एनाटॉमी
रोटेटर कफ मांसपेशियों और टेंडन्स का समूह होता है जो कंधे को स्थिरता देता है। भारी वजन उठाने, अचानक झटका लगने या खेल के दौरान यह इंजर्ड हो सकता है, जिससे कंधे में तेज दर्द होता है।
कई बार कंधे का दर्द गर्दन की समस्या से जुड़ा होता है। सर्वाइकल स्पॉन्डिलॉसिस में गर्दन की नसों पर दबाव पड़ता है, जिसका दर्द कंधे और हाथ तक फैल सकता है।
उम्र बढ़ने के साथ कंधे के जोड़ में घिसाव होने लगता है। इससे सूजन, अकड़न और लगातार दर्द की समस्या हो सकती है, खासकर सुबह के समय।
कंधे पर गिरना, एक्सीडेंट या खेल के दौरान चोट लगना भी दर्द का बड़ा कारण हो सकता है। कई बार हड्डी में फ्रैक्चर या लिगामेंट इंजरी भी हो सकती है।
कंधे में लगातार दर्द रहना या हाथ उठाने में परेशानी होना आम लक्षण हैं।
कपड़े पहनना, बाल बनाना या ऊपर की शेल्फ से सामान उठाना मुश्किल हो जाता है।
कंधे में सूजन, गर्माहट या मांसपेशियों में कमजोरी महसूस हो सकती है।
अगर shoulder pain को समय पर ठीक न किया जाए तो यह क्रॉनिक समस्या बन सकती है। धीरे-धीरे कंधे की मूवमेंट कम हो जाती है और सर्जरी की जरूरत भी पड़ सकती है। शुरुआती स्टेज में सही इलाज से इस दर्द को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।
काम के दौरान सही बैठने की आदत डालना और बीच-बीच में ब्रेक लेना बहुत जरूरी है।
डॉक्टर द्वारा बताई गई एक्सरसाइज और फिजियोथेरेपी से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और दर्द कम होता है।

फिजियोथेरेपी के दौरान कंधे की एक्सरसाइज करते बुजुर्ग व्यक्ति
भुजंगासन, ताड़ासन और हल्की स्ट्रेचिंग कंधे की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने में मदद करती हैं।
दर्द ज्यादा होने पर डॉक्टर दर्द निवारक दवाइयां या इंजेक्शन की सलाह दे सकते हैं। गंभीर मामलों में सर्जरी की जरूरत भी पड़ सकती है।
कंधे का दर्द आम जरूर है, लेकिन इसे हल्के में लेना सही नहीं है। सही समय पर कारण की पहचान और इलाज से shoulder pain को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। स्वस्थ जीवनशैली, सही पोस्चर और नियमित एक्सरसाइज से कंधों को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है।
अगर आपको कंधे में लगातार दर्द, जकड़न या मूवमेंट की समस्या है, तो Dr. Ankur Singh, अनुभवी ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ, से परामर्श लेकर सही जांच और आधुनिक इलाज के माध्यम से समय पर राहत पाएं और अपने कंधों की सेहत सुरक्षित रखें।