कंधे में दर्द क्यों होता है? कारण, लक्षण और सही इलाज की पूरी जानकारी

A black-and-white image showing a man holding his shoulder due to pain, highlighting common shoulder discomfort.

कंधे में दर्द से परेशान व्यक्ति, शोल्डर पेन की समस्या दर्शाता हुआ

आज के समय में कंधे का दर्द केवल बुजुर्गों की समस्या नहीं रह गया है। युवा और मिडिल एज लोग भी लगातार shoulder pain से परेशान रहते हैं। लंबे समय तक लैपटॉप या मोबाइल का इस्तेमाल, गलत पोस्चर, तनाव और कम फिजिकल एक्टिविटी इसके मुख्य कारण बन चुके हैं। शुरुआत में हल्का दर्द नजरअंदाज कर दिया जाता है, लेकिन समय के साथ यह दर्द रोज़मर्रा के कामों को प्रभावित करने लगता है। इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि कंधे में दर्द क्यों होता है, इसके प्रमुख कारण क्या हैं और इसका सही इलाज क्या है।

कंधे की संरचना को समझना क्यों जरूरी है

कंधा शरीर का सबसे अधिक मूवमेंट वाला जोड़ है। यह हड्डियों, मांसपेशियों, लिगामेंट्स और टेंडन्स से मिलकर बना होता है। इसकी जटिल संरचना ही इसे चोट और दर्द के प्रति अधिक संवेदनशील बनाती है। कंधे की हल्की सी गड़बड़ी भी दर्द और जकड़न का कारण बन सकती है।

कंधे में दर्द के प्रमुख कारण

गलत पोस्चर और लंबे समय तक बैठना

लैपटॉप या मोबाइल पर झुककर बैठना कंधों और गर्दन की मांसपेशियों पर दबाव डालता है। इससे मसल्स टाइट हो जाती हैं और धीरे-धीरे दर्द शुरू हो जाता है। ऑफिस में काम करने वाले लोगों में यह सबसे आम कारण है।

फ्रोजन शोल्डर (Frozen Shoulder)

फ्रोजन शोल्डर में कंधे की मूवमेंट सीमित हो जाती है और दर्द बढ़ता जाता है। यह समस्या अक्सर 40 की उम्र के बाद, डायबिटीज या लंबे समय तक कंधा न हिलाने की स्थिति में होती है।

A detailed 3D illustration of the shoulder joint showing bones and joint alignment.

कंधे के जोड़ की संरचना दिखाता हुआ 3D चित्र, शोल्डर जॉइंट एनाटॉमी

रोटेटर कफ इंजरी

रोटेटर कफ मांसपेशियों और टेंडन्स का समूह होता है जो कंधे को स्थिरता देता है। भारी वजन उठाने, अचानक झटका लगने या खेल के दौरान यह इंजर्ड हो सकता है, जिससे कंधे में तेज दर्द होता है।

सर्वाइकल स्पॉन्डिलॉसिस

कई बार कंधे का दर्द गर्दन की समस्या से जुड़ा होता है। सर्वाइकल स्पॉन्डिलॉसिस में गर्दन की नसों पर दबाव पड़ता है, जिसका दर्द कंधे और हाथ तक फैल सकता है।

आर्थराइटिस

उम्र बढ़ने के साथ कंधे के जोड़ में घिसाव होने लगता है। इससे सूजन, अकड़न और लगातार दर्द की समस्या हो सकती है, खासकर सुबह के समय।

चोट या गिरना

कंधे पर गिरना, एक्सीडेंट या खेल के दौरान चोट लगना भी दर्द का बड़ा कारण हो सकता है। कई बार हड्डी में फ्रैक्चर या लिगामेंट इंजरी भी हो सकती है।

कंधे के दर्द के सामान्य लक्षण

दर्द और जकड़न

कंधे में लगातार दर्द रहना या हाथ उठाने में परेशानी होना आम लक्षण हैं।

मूवमेंट में कमी

कपड़े पहनना, बाल बनाना या ऊपर की शेल्फ से सामान उठाना मुश्किल हो जाता है।

सूजन और कमजोरी

कंधे में सूजन, गर्माहट या मांसपेशियों में कमजोरी महसूस हो सकती है।

कंधे के दर्द को नजरअंदाज करना क्यों खतरनाक है

अगर shoulder pain को समय पर ठीक न किया जाए तो यह क्रॉनिक समस्या बन सकती है। धीरे-धीरे कंधे की मूवमेंट कम हो जाती है और सर्जरी की जरूरत भी पड़ सकती है। शुरुआती स्टेज में सही इलाज से इस दर्द को आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है।

कंधे के दर्द का इलाज और देखभाल

आराम और सही पोस्चर

काम के दौरान सही बैठने की आदत डालना और बीच-बीच में ब्रेक लेना बहुत जरूरी है।

फिजियोथेरेपी और एक्सरसाइज

डॉक्टर द्वारा बताई गई एक्सरसाइज और फिजियोथेरेपी से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और दर्द कम होता है।

A physiotherapist assisting a senior man with shoulder stretching exercises in a clinical setting.

फिजियोथेरेपी के दौरान कंधे की एक्सरसाइज करते बुजुर्ग व्यक्ति

योग और स्ट्रेचिंग

भुजंगासन, ताड़ासन और हल्की स्ट्रेचिंग कंधे की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने में मदद करती हैं।

दवाइयां और मेडिकल ट्रीटमेंट

दर्द ज्यादा होने पर डॉक्टर दर्द निवारक दवाइयां या इंजेक्शन की सलाह दे सकते हैं। गंभीर मामलों में सर्जरी की जरूरत भी पड़ सकती है।

डॉक्टर से कब मिलना चाहिए

  • जब दर्द 2-3 हफ्ते से ज्यादा रहे
  • हाथ उठाने में लगातार परेशानी हो
  • दर्द के साथ सूजन या सुन्नता हो
  • चोट या गिरने के बाद दर्द बढ़ता जाए

निष्कर्ष

कंधे का दर्द आम जरूर है, लेकिन इसे हल्के में लेना सही नहीं है। सही समय पर कारण की पहचान और इलाज से shoulder pain को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। स्वस्थ जीवनशैली, सही पोस्चर और नियमित एक्सरसाइज से कंधों को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है।

अगर आपको कंधे में लगातार दर्द, जकड़न या मूवमेंट की समस्या है, तो Dr. Ankur Singh, अनुभवी ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ, से परामर्श लेकर सही जांच और आधुनिक इलाज के माध्यम से समय पर राहत पाएं और अपने कंधों की सेहत सुरक्षित रखें।

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