
एक व्यक्ति अपनी गर्दन और कमर के निचले हिस्से में दर्द महसूस करते हुए।
स्लिप डिस्क एक ऐसी स्थिति है जिसमें रीढ़ की हड्डियों के बीच की डिस्क अपनी सामान्य स्थिति से बाहर निकलकर आसपास की नसों पर दबाव डालने लगती है। यह दबाव शरीर में तेज दर्द, सुन्नपन, झनझनाहट और कमजोरी पैदा कर सकता है। कई लोग जब slip disc meaning in Hindi खोजते हैं, तो वे इसे सिर्फ एक साधारण back pain मानते हैं, जबकि असल में यह एक संरचनात्मक समस्या है जो स्पाइन के संतुलन को प्रभावित करती है।
आजकल लंबे समय तक बैठकर काम करने की आदत, गलत पोस्टर और वजन बढ़ना स्लिप डिस्क की घटनाओं को तेजी से बढ़ा रहा है। यह समस्या सिर्फ बुजुर्गों में नहीं, बल्कि 20–40 वर्ष के युवाओं में भी तेजी से देखी जा रही है।
रीढ़ की हड्डी कई छोटे-छोटे वर्टिब्रा (Vertebrae) से बनी होती है, और हर दो वर्टिब्रा के बीच एक मुलायम डिस्क मौजूद रहती है जो झटके को सोखने का काम करती है। यह डिस्क बाहर से कठोर रिंग जैसी होती है, लेकिन अंदर जेल जैसा पदार्थ होता है।
जब यह बाहरी परत कमजोर हो जाती है:
इसी स्थिति को "हर्निएटेड डिस्क" या आम भाषा में "स्लिप डिस्क" कहा जाता है।
स्लिप डिस्क होने पर back pain सिर्फ कमर तक सीमित नहीं रहता, बल्कि पैरों, कूल्हों और कभी-कभी गर्दन तक जा सकता है, जिससे व्यक्ति को सामान्य गतिविधियाँ करने में कठिनाई होने लगती है।
वजन उठाते समय अचानक झटका लगना या गलत तरीके से bending करने से डिस्क पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। यह भारी सामान, जिम एक्सरसाइज या घरेलू काम के दौरान हो सकता है।

डिलीवरी कर्मचारी भारी डिब्बा उठाते समय कमर दर्द महसूस करता हुआ।
डेस्क जॉब करने वाले लोग अक्सर एक ही मुद्रा में कई घंटे बैठे रहते हैं। इससे स्पाइन पर निरंतर दबाव पड़ता है, जो आगे चलकर स्लिप डिस्क का कारण बन सकता है।
उम्र के साथ डिस्क का लचीला हिस्सा सूखने लगता है। यह wear-and-tear स्लिप डिस्क की संभावना बढ़ा देता है।
फिसलना, गिरना, स्पोर्ट्स इंजरी या कार दुर्घटना के कारण अचानक दबाव बढ़ने से डिस्क अपनी जगह छोड़ सकती है।
कुबड़ाकर बैठना, मोबाइल झुककर चलाना और ज्यादा देर तक खड़े रहना रीढ़ की हड्डी पर गलत लोड डालता है।
इन कारणों के चलते slip disc meaning in Hindi समझने वाले लोग अक्सर पाते हैं कि यह सिर्फ एक दर्द नहीं, बल्कि lifestyle-related condition है जिसे सही आदतों से काफी हद तक रोका जा सकता है।

डेस्क पर बैठी महिला कमर दर्द से परेशान होकर पीछे की ओर झुकती हुई।
स्लिप डिस्क के लक्षण व्यक्ति की उम्र, स्थिति और किस नस पर दबाव पड़ रहा है, इस पर निर्भर करते हैं। सबसे आम लक्षण हैं:
कई मामलों में स्लिप डिस्क के कारण होने वाला दबाव sciatica का रूप ले लेता है, जिसमें दर्द कमर से पैर तक फैलने लगता है।
सायटिका वही स्थिति है जिसमें sciatic nerve पर दबाव पड़ता है। स्लिप डिस्क सायटिका की सबसे आम वजह है। इसलिए जब लोग sciatica meaning in Hindi खोजते हैं, तो अक्सर उन्हें समझ आता है कि मूल समस्या डिस्क का खिसकना ही है।
सायटिका में:
स्लिप डिस्क और सायटिका साथ में होने पर दर्द बहुत तेज और असहनीय हो सकता है।
Pain-relievers, anti-inflammatory medicines और muscle relaxants से शुरुआत की जाती है। ये दर्द और सूजन को कम करते हैं।
यह स्लिप डिस्क का सबसे प्रभावी और scientifically-backed उपचार है।
फिजियोथेरेपी में शामिल होते हैं:
नियमित और सही तरीके से की गई एक्सरसाइज डिस्क को वापस सही जगह sit करने में मदद करती है।
जैसे:
Severe pain में nerve block injections दिए जाते हैं।
सर्जरी तभी की जाती है जब:
90% मरीज बिना सर्जरी के ठीक हो जाते हैं।
सही निदान और सुरक्षित उपचार के लिए अनुभवी आर्थोपेडिक विशेषज्ञ डॉ. अंकुर सिंह से परामर्श अवश्य लें। कमर दर्द का प्रभावी समाधान यहीं से शुरू होता है।