
पीठ के निचले हिस्से में तेज दर्द से परेशान वृद्ध व्यक्ति, बिस्तर पर बैठकर कमर पकड़ते हुए।
सायटिका (Sciatica) एक ऐसी स्थिति है जिसमें कमर से लेकर पैरों तक जाने वाली नस, जिसे सायटिक नर्व कहा जाता है, दब जाती है या उसमें जलन हो जाती है। इसका परिणाम तेज दर्द, सुन्नपन, झनझनाहट या कमजोरी के रूप में महसूस होता है।
भारत में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है और अक्सर लोग इसे सिर्फ back pain समझकर नजरअंदाज़ करते हैं, जबकि इसकी जड़ कहीं गहरी होती है।
यदि आप sciatica meaning Hindi या back pain reason in Hindi खोज रहे हैं, तो यह लेख आपको सरल भाषा में पूरी जानकारी देगा।
सायटिका एक दर्द है जो सायटिक नर्व के प्रभावित होने से होता है। यह नस मानव शरीर की सबसे लंबी नस होती है, जो:
तक जाती है।
जब यह नस दबती है या सूज जाती है, तो दर्द पूरे मार्ग में फैलता है।
इसका मुख्य लक्षण यह है कि दर्द एक पैर में अधिक महसूस होता है, दोनों पैरों में कम।
सायटिका का दर्द हर व्यक्ति में अलग हो सकता है, जैसे:
बहुत से लोग इसे leg pain या hip pain समझ लेते हैं, जबकि कारण नस का दबना होता है।
यदि आप back pain reason in Hindi खोज रहे हैं, तो सायटिका उसके प्रमुख कारणों में से एक है।

सोफे पर बैठे व्यक्ति के निचले पीठ में तेज दर्द, लाल चमक से समस्या का स्थान दर्शाया गया है।
जब कमर की हड्डियों के बीच का डिस्क बाहर की ओर खिसक जाता है और नस पर दबाव डालता है।
उम्र बढ़ने पर रीढ़ की हड्डी की जगह संकरी हो जाती है, जिससे नस दबने लगती है।
कूल्हों और कमर की मांसपेशियां अत्यधिक सख्त हो जाएं तो सायटिक नर्व पर दबाव पड़ सकता है।
जेल जैसा पदार्थ नस को छूकर दर्द पैदा करता है।
कमर पर जोरदार चोट भी सायटिक नर्व को प्रभावित कर सकती है।
जब कूल्हे की एक छोटी मांसपेशी सायटिक नर्व को दबा देती है।
सायटिका के कुछ सामान्य लक्षण:
बहुत लोग सामान्य कमरदर्द को सायटिका समझ लेते हैं।
नीचे दोनों का अंतर समझें:

मानव रीढ़ की 3D छवि जिसमें कमर के निचले हिस्से में सूजन और दर्द को दर्शाया गया है।
सायटिका का इलाज उसके कारण पर निर्भर करता है।
सही निदान के लिए डॉक्टर द्वारा एक्स-रे, MRI आदि करवाया जा सकता है।
सायटिका में फिजियोथेरेपी सबसे प्रभावी उपचारों में से एक है।
इसमें शामिल हैं:
कुछ विशेष व्यायाम जैसे:
डॉक्टर की सलाह से करने पर दर्द में राहत मिलती है।
Severe pain होने पर doctor नस के आसपास anti-inflammatory injections दे सकते हैं।
बहुत कम मामलों में, जब नस पर दबाव बहुत अधिक हो और दर्द महीनों तक न रुके, तब सर्जरी की जरूरत पड़ती है।
झुककर बैठने से कमर पर अधिक दबाव पड़ता है।
रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
अधिक वजन कमर पर दबाव डालता है।
कमर और पैरों की लचीलेपन में सुधार होता है।
गलत तरीके से वजन उठाना सायटिका का प्रमुख कारण है।
ये संकेत हैं कि नर्व पर दबाव गंभीर है, और तुरंत उपचार जरूरी है।
डॉक्टर अंकुर सिंह की सलाह
सायटिका का उपचार जितनी जल्दी शुरू किया जाए, उतना ही जल्दी राहत मिलती है।
यदि आपको कमर से पैर तक फैलता हुआ दर्द हो रहा है, तो इसे सामान्य बैक पेन समझकर अनदेखा न करें—सही जांच और उपचार बेहद जरूरी है।