
दौड़ते हुए पुरुष की 3D छवि जिसमें घुटने की हड्डी में दर्द को दर्शाया गया है।
जोड़ों में दर्द, जिसे हिंदी में jodo mai dard कहा जाता है, भारत में सबसे आम स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। यह दर्द किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन 35 वर्ष के बाद इसकी संभावना बढ़ जाती है।
कई लोग joint pain को थکن, मौसम या उम्र का असर समझकर इसे नजरअंदाज़ कर देते हैं, जबकि इसके पीछे कई गंभीर कारण हो सकते हैं।
आर्थराइटिस जोड़ दर्द का सबसे प्रमुख कारण है। इसमें जोड़ में सूजन और stiffness आने लगती है।
आर्थराइटिस दो प्रकार का होता है:
दोनों में jodo mai dard बना रहता है और इलाज में देरी करने पर समस्या बढ़ सकती है।
यह उम्र बढ़ने पर होने वाला जोड़ों का घिसाव है। cartilage धीरे-धीरे पतला होता जाता है, जिससे:
आने लगती है।
यह एक autoimmune disorder है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता ही joints पर हमला करने लगती है, जिससे:
हो सकती है।
जब शरीर में यूरिक एसिड जमा हो जाता है, तो यह क्रिस्टल बनकर joints में दर्द पैदा करता है। अचानक होने वाला तेज दर्द इसका मुख्य लक्षण है।
ये दोनों पोषक तत्व हड्डियों के लिए जरूरी हैं। कमी होने पर हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं और joint pain शुरू हो सकता है।
स्पोर्ट्स इंजरी, गिरना या गलत तरीके से मूवमेंट करने से ligaments या tendons में strain आ सकता है।
अधिक वजन घुटनों, कूल्हों और कमर पर अत्यधिक दबाव डालता है। obesity से होने वाला जॉइंट स्ट्रेस आजकल युवाओं में भी jodo mai dard का प्रमुख कारण बन चुका है।
गलत posture लंबे समय तक joints को नुकसान पहुँचाता है।
यह back pain और घुटनों के दर्द में भी योगदान देता है।

कोहनी के जोड़ में दर्द दिखाती हुई 3D मानव आकृति।
जोड़ दर्द के लक्षणों में शामिल हैं:
अगर दर्द 2–3 सप्ताह से अधिक बना रहे, तो डॉक्टर से परामर्श जरूरी है।
Painkillers, anti-inflammatory medicines और supplements।
Mobility बढ़ाती है और जॉइंट को functional बनाती है।
नियमित व्यायाम से joints lubricated रहते हैं।

योगा मैट पर बैठे हुए बुजुर्ग व्यक्ति हल्के डम्बल के साथ व्यायाम करते हुए।
कई मामलों में PRP या hyaluronic acid injections relief देते हैं।
Advanced cases में knee replacement, hip replacement या ligament reconstruction की आवश्यकता पड़ सकती है।
सही निदान और सुरक्षित उपचार के लिए अनुभवी आर्थोपेडिक विशेषज्ञ डॉ. अंकुर सिंह से परामर्श अवश्य लें। जोड़ों के दर्द का प्रभावी समाधान यहीं से शुरू होता है।