
बाहर चलते समय गंभीर घुटने के दर्द के कारण आगे झुककर अपने घुटने को पकड़ता हुआ वृद्ध पुरुष।
आर्थराइटिस (Arthritis) हड्डियों और जोड़ों में होने वाली सूजन (Inflammation) है, जिसके कारण दर्द, सूजन, जकड़न और चलने-फिरने में समस्या होने लगती है। भारत में घुटनों का दर्द (Knee Pain Reason in Hindi) सबसे आम समस्या है और इसका सबसे बड़ा कारण अक्सर आर्थराइटिस ही होता है।
यह बीमारी उम्र के साथ बढ़ सकती है, लेकिन आजकल गलत जीवनशैली, वजन बढ़ना, चोट या कैल्शियम की कमी के कारण युवा लोगों में भी तेजी से बढ़ रही है।
यह ब्लॉग आपको आर्थराइटिस का वास्तविक अर्थ, कारण, प्रकार, लक्षण और scientifically proven उपचार सरल हिंदी में समझाएगा, ताकि आप समय रहते सही निर्णय ले सकें।
आर्थराइटिस एक ऐसी चिकित्सीय स्थिति है जिसमें जोड़ (Joints) सूज जाते हैं और उनमें दर्द होने लगता है।
यह किसी भी जोड़ को प्रभावित कर सकता है, जैसे:
आर्थराइटिस का मतलब केवल "जोड़ों में दर्द" नहीं है। यह एक chronic condition है जो धीरे-धीरे बढ़ती है यदि इसका इलाज समय पर न किया जाए।
यह आर्थराइटिस का सबसे आम प्रकार है।
उम्र बढ़ने, वजन अधिक होने या घुटनों पर ज्यादा दबाव पड़ने से कार्टिलेज घिसने लगता है, जिससे:
यह अक्सर knee pain reason in hindi खोजने वालों की मुख्य समस्या होती है।
यह एक Autoimmune Disease है जिसमें शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता ही जोड़ों को नुकसान पहुंचाने लगती है।
रक्त में यूरिक एसिड बढ़ने से होने वाला आर्थराइटिस।
उम्र के साथ कार्टिलेज कमजोर होने लगता है।

वरिष्ठ महिला घर के भीतर बैठकर अपने दर्द वाले घुटने को पकड़े हुए, आर्थराइटिस के असहज लक्षण दिखाती हुई।
शरीर का हर 1 किलो वजन घुटनों पर 4 किलो का दबाव डालता है।
कम चलना, घंटों बैठना, एक्सरसाइज न करना — ये सब हड्डियों को कमजोर करते हैं।
पुरानी चोटें बाद में आर्थराइटिस का रूप ले सकती हैं।
Vitamin D, Calcium, Omega-3 की कमी ज्वाइंट हेल्थ पर असर डालती है।
यदि परिवार में किसी को आर्थराइटिस है, तो जोखिम बढ़ जाता है।
यदि ये लक्षण बार-बार हों, तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए।
घुटनों में दर्द होने का सबसे बड़ा कारण है:
जब कार्टिलेज पतला हो जाता है, तो हड्डियाँ आपस में रगड़ खाती हैं, जिससे:
आर्थराइटिस का इलाज रोग के कारण, प्रकार और स्टेज पर निर्भर करता है।
दर्द कम करने वाली दवाइयाँ

वरिष्ठ पुरुष दैनिक दवाइयों को व्यवस्थित करते और लेते हुए, संभवतः आर्थराइटिस या पुराने जोड़ दर्द के इलाज के लिए।
फिजियोथेरपी सबसे प्रभावी उपचारों में से एक है।
इसमें शामिल है:
वजन घटाने से 50 से 70 प्रतिशत तक घुटनों पर दबाव कम होता है।
हल्की वॉक, योग, साइकलिंग, quadriceps strengthening exercises बहुत फायदेमंद हैं।
कुछ मामलों में PRP Therapy या Hyaluronic Acid injections दिए जाते हैं।
जब दर्द इतने बढ़ जाए कि चलना भी मुश्किल हो, तब डॉक्टर knee replacement की सलाह देते हैं।
यह एक सुरक्षित और long-lasting सर्जरी है।
अधिक जानकारी या सही उपचार के लिए अनुभवी आर्थोपेडिक विशेषज्ञ डॉ. अंकुर सिंह से परामर्श करें और अपने जोड़-दर्द का भरोसेमंद समाधान पाएं।