
दौड़ते समय घुटने की चोट और खेल से जुड़ा अचानक दर्द
आज के समय में खेल और फिटनेस सिर्फ प्रोफेशनल एथलीट्स तक सीमित नहीं हैं। स्कूल के बच्चे हों, कॉलेज के युवा हों या वीकेंड पर खेलने वाले वयस्क—हर कोई किसी न किसी खेल से जुड़ा हुआ है। खेल शरीर को स्वस्थ रखते हैं, लेकिन अगर सही सावधानी न बरती जाए, तो यही खेल चोट का कारण भी बन सकते हैं। अक्सर लोग चोट को हल्के में ले लेते हैं और सोचते हैं कि “थोड़ा दर्द तो चलता है”, लेकिन यही छोटी चोटें आगे चलकर बड़ी समस्या बन सकती हैं।
खेल से पहले वार्म-अप न करना सबसे आम गलती है। बिना वार्म-अप मांसपेशियां सख्त रहती हैं और अचानक तेज मूवमेंट से उनमें खिंचाव या फटने का खतरा बढ़ जाता है। कई खिलाड़ी सीधे मैदान में उतर जाते हैं, जो चोट का बड़ा कारण बनता है।
गलत तरीके से दौड़ना, कूदना या वजन उठाना शरीर पर असंतुलित दबाव डालता है। यह दबाव धीरे-धीरे घुटनों, टखनों, कंधों और कमर में चोट का कारण बन सकता है।
लगातार अभ्यास करना और शरीर को पर्याप्त आराम न देना भी चोट का बड़ा कारण है। थकी हुई मांसपेशियां जल्दी प्रतिक्रिया नहीं कर पातीं, जिससे मोच या लिगामेंट इंजरी हो सकती है।

खेलते समय बच्चे को लगी हल्की चोट और प्राथमिक देखभाल
टखने और घुटने की मोच सबसे ज्यादा देखी जाती है। अचानक पैर मुड़ने से लिगामेंट खिंच जाते हैं, जिससे सूजन और दर्द होता है।
तेज दौड़, अचानक रुकना या दिशा बदलने से मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है। यह चोट जांघ और पिंडली में ज्यादा होती है।
फुटबॉल, बास्केटबॉल और कबड्डी जैसे खेलों में ACL और अन्य लिगामेंट की चोट आम है। यह चोट गंभीर होती है और लंबे इलाज की जरूरत पड़ सकती है।
गिरने, टकराने या सीधे वार लगने से हड्डी में दरार या फ्रैक्चर हो सकता है, खासकर कलाई, पैर और कॉलर बोन में।
Rest: खेल तुरंत बंद करें
Ice: 15–20 मिनट बर्फ लगाएं
Compression: हल्की पट्टी बांधें
Elevation: घायल हिस्से को ऊपर रखें
अगर दर्द लगातार बना हुआ है या सूजन बढ़ रही है, तो खेल जारी रखना स्थिति को और खराब कर सकता है।
हर खेल से पहले 10 मिनट का वार्म-अप और खेल के बाद स्ट्रेचिंग बेहद जरूरी है।

पार्क में खेलते बच्चे और सुरक्षित शारीरिक गतिविधियों का महत्व
गलत जूते टखने और घुटनों पर गलत दबाव डालते हैं। खेल के अनुसार जूते और गियर पहनना जरूरी है।
दर्द, जकड़न और थकान शरीर के संकेत हैं। इन्हें नजरअंदाज न करें।
खेल जीवन का जरूरी हिस्सा हैं, लेकिन सावधानी और सही जानकारी के बिना खेलना चोट को न्योता दे सकता है। सही तैयारी, तकनीक और समय पर इलाज से खेलों का आनंद सुरक्षित तरीके से लिया जा सकता है।
खेल के दौरान लगी चोट, मोच या जोड़ों के दर्द को हल्के में न लें। डॉ. अंकुर सिंह खेल चोटों के सटीक निदान और आधुनिक इलाज के माध्यम से मरीजों को सुरक्षित और तेज़ रिकवरी में मदद करते हैं।